Bhakti Jo Satbhakti ho

पूर्ण गुरु से नाम उपदेश लेकर मर्यादा में रहते हुए आजीवन सत भक्ति करने से ही सर्व सुख व पूर्ण मोक्ष मिलता है।
सत भक्ति करने से अहंकार से दूर होकर मनुष्य नेक इंसान बन कर सुखी जीवन व्यतीत करता है।
सतभक्ति से आर्थिक, मानसिक और शारीरिक सुख होता है। इसलिए सतभक्ति करना ज़रूरी है।
मोक्ष प्राप्त करने के लिए सच्ची भक्ति ज़रूरी है।
जन्म मरण के चक्र से छूटने के लिए सतभक्ति ज़रूरी है।
सच्ची भक्ति अपनाएं, मोक्ष कराएं।
सतभक्ति करने से हमारे विचारों में शुद्धता आती है और आत्मा पवित्र बन जाती है।
सतभक्ति से ही जीवन उद्धार हो सकता है।
भक्ति से इंसान को सही दिशा मिलती है नहीं तो वह पशु के समान रहता है।
सतभक्ति करना बहुत महत्वपूर्ण है। इससे जीवन सुखी हो जाता है।
सतभक्ति से इंसान इस जीवन में भी सुखी रहता है व उसको मृत्यु के पश्चात भी सही ठिकाना मिल जाता है।
सतभक्ति इसलिए आवश्यक है क्योंकि  इससे ही रोग नाश हो सकते हैं।
असाध्य बीमारियों का इलाज सतभक्ति से ही संभव है।
इसलिए सतभक्ति अपनाएं, जीवन सफल बनायें।
सतभक्ति अति आवश्यक है क्योंकि स्तभक्ति बिना मोक्ष असम्भव है।
मानव जीवन में सतभक्ति नहीं की तो परमात्मा के विधान अनुसार चौरासी में महाकष्ट उठाना पड़ता है। सतभक्ति पूर्ण सन्त ही बताते हैं।

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